डॉ. निरंजन राज्यगुरु 

डॉ. निरंजन राज्यगुरु  गुजरात के  जाने माने  कवि, लेखक-साहित्यकार, विवेचक, लोकविद्याविद्, संशोधक, लोक गायक,   प्रसार भारती -रेडियो-दूरदर्शन के  जिवंत प्रसारणों में कला प्रस्तुति  करने वाले  व लाइव कोमेंट्री देने वाले उच्च कोटि के  कलाकार है |  गुजरात के विश्व विद्यालयोंमें विजिटिंग प्रोफ़ेसर  और पीएच.डी. के परीक्षक के तौर पर मान्यता प्राप्त  डॉ.राज्यगुरु द्वारा  मध्यकालीन गुजराती संतसाहित्य, भक्तिसहित्य, लोकसाहित्य के विषय में चालीस  किताबें प्रकाशित  हुई है |

          प्राथमिक-माध्यमिक -उच्च   शिक्षा सौराष्ट्र (गुजरात)के  गोंडल में  लेने के बाद  गुजराती  भाषा-साहित्य और लोकसाहित्य  विषय के साथ  अनुस्नातक (मास्टर ऑफ आर्ट्स) पदवी सौराष्ट्र विश्वविद्यालय राजकोट से १९७८ में प्राप्त की | इसके बाद १९८२ में  मध्यकालीन गुजराती  साहित्य के मूर्धन्य  संत कवि – दासी जीवण के  जीवन-कवन  के  बारे में  अनुसन्धान  करके  पीएचडी पदवी प्राप्त की |  गुजराती भाषाके संतसाहित्य, भक्तिसाहित्य,  लोकसाहित्य, लोकसंगीत,  भक्तिसंगीत, लोकविद्याएं के  विषय में साहित्यिक विवेचना, ऐतिहासिक अन्वेषण, तौलनिक अभ्यास, क्षेत्रकार्य (फिल्ड वर्क), प्रस्तुति  तथा ग्रन्थ प्रकाशन जैसे  बहुविध  क्षेत्र में  उनका  प्रदान है |

          राष्ट्रीय कक्षा की  डॉ. होमी भाभा फ़ेलोशिप गुजरात में – गुजराती भाषा में  डॉ. निरंजन राज्यगुरु को सर्व प्रथम सन १९९२ में  मिली थी | जिसमें  गुजरात के भिन्न भिन्न विभागों से ट्रेडिशनल लोकसंगीत व भक्ति संगीत का  क्षेत्रकार्य (फिल्ड वर्क) करके ७०० घन्टे का  ध्वनि मुद्रांकन किया है , यह एक दस्तावेजी कार्य है |  जो  बिना मूल्य  अपनी  वेबसाइट www.ramsagar.org  के ऊपर उपलब्ध  है  |  इसके  अलावा गुजरात साहित्य अकादेमी फ़ेलोशिप , गुजरात राज्य गौरव पुरस्कार,  कवि काग एवोर्ड , फूलछाब कला साहित्य एवोर्ड,  शिवम एवोर्ड, दासी जीवण एवोर्ड, झवेरचंद मेघाणी एवोर्ड, संस्कार विभूषण सन्मान,चित्रलेखा सन्मान, पू.दयालू बाबु रानपुरा एवोर्ड, मोजदान बापू एवोर्ड,गुजरात लोक कला गौरव पुरस्कार(२०१९),सव्यसाची सारस्वत  एवोर्ड (२०१९), श्री श्री १००८ महामंडलेश्वर (२०२०) जैसे  कई सम्मान  मिले है |

          गुजरात की संस्कृति और  जीवन गंगा को लेकर  उन्होंने कंठ संपदा के  संतसाहित्य, भक्तिसाहित्य, लोकसाहित्य, लोकसंगीत,भक्तिसंगीत, लोकविद्याएं के  विषय में  कार्य  किया  है  |  इनके इस महत्वपूर्ण लेखन व गायन का पर्याप्त आदर और सम्मान भी हुआ है | सन २०१२ में गुजरात की संगीत नाटक अकादेमी ने उन्हें पुरस्कृत कर गौरव पुरस्कार  प्रदान किया | केन्द्रीय संगीत नाटक अकादमी दिल्ही में  भारत के  महामहिम  उपराष्ट्रपति जी   के  हाथों  गुजरात के  लोकसंगीत  क्षेत्र का   संगीत नाटक अकादमी  दिल्ही  राष्ट्रिय लोकसंगीत पुरस्कार एवोर्ड  २०१९   एप्रिल २०२२ में  दिया  गया है |

 श्री  श्री  १००८  महामण्डलेश्वर, ब्रह्मर्षि, गोपाल भूषण, सारस्वत साहित्य  रत्न

डॉ. निरंजन राज्यगुरु (एम.ए.,पीएच.डी)

आनंद आश्रम ,घोघावदर , ता. गोंडल ,जि.राजकोट ३६०३११   मो. 98243 71904

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